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Sunday, May 16, 2021

Searching..

रहने दो हमें बक्त के अंधकारो में,

न चहिये मुझे ये दुनिया के सितारें| 

अहम् को न चिहए कोई चिराग,

रहने दो उसका वास उसके तले | 

ढूढ़ रहा हूँ वोह महा परा करमी ,

जिसने जग के तरप को ठाप दिए 

Sunday, May 9, 2021

Fact of Life

मेरे करम मुझे अब याद आने लगे हैं,

वक्त का पहिया जब से गाने लगे हैं | 


अपने शिकवे शिकायत अब किस्से करूं,

मेरे अपने ही मेरे कर्मो से भागने लगे है | 


जिनके लिए हम जानका दाव लगाके चले थे,

वोह मुँह मोड़ कर हमसे अब चलने लगे हैं | 


मेरे रिश्ते मेरे फ़रिश्तो से जाते दिखे हैं,

जब से मेरे करम उनको  पुरे होते दिखे हैं  | 

Sunday, May 2, 2021

Motivation Poem for Bad Times

 हार हे तो हार को हार कर चल,

हार हे तो हार का हार बना कर चल,

हार हे तो हार पर हुहुँकार का वार कर | 

 

जीत कब तक पीठ दिखायगी ?

जीत कब तक मुँह मोड़ेगी ?

जीत कब तक पीछा छोड़ेगी ?


मौसम एक नही होता,

रंग एक नही होता,

पल एक नहीं होता | 


रात मे दिन का इंतज़ार कर,

अपने को ओर बलवान कर,

हर पल ईश्वर का जाप कर | 


शौर्य हे तो हिमालय पर चढ़, 

शौर्य हे तो माई का लाल बन, 

उसके दूध का उधार पूरा कर | 


गिर चूका हे तो कया,

आकाश का धायन कर,

हार की बेड़ी तोड़, तू विजयी बन |  


हार हे तो हार को हार कर चल,

हार हे तो हार का हार बना कर चल,

हार हे तो हार पर हुहुँकार का वार कर |


हार की हार का हाहाकार कर ..