मेरे करम मुझे अब याद आने लगे हैं,
वक्त का पहिया जब से गाने लगे हैं |
अपने शिकवे शिकायत अब किस्से करूं,
मेरे अपने ही मेरे कर्मो से भागने लगे है |
जिनके लिए हम जानका दाव लगाके चले थे,
वोह मुँह मोड़ कर हमसे अब चलने लगे हैं |
मेरे रिश्ते मेरे फ़रिश्तो से जाते दिखे हैं,
जब से मेरे करम उनको पुरे होते दिखे हैं |